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इस महाविद्यालय को स्थापना 1.1.73 ई० में टोल विद्यालय के रूप में की गई । 1.1.73 ई० में इस इलाके के तमाम बुद्धिजीवियों एवं गणमान्य लोगों बैठक में सर्व समत्या निर्णय हुआ कि अररिया एवं किशनगंज जिला में एक भी संस्कृत महाविद्यालय नहीं है ।
इसलिए एक संस्कृत महाविद्यालय की परमावश्यकता है । अतः उसी दिन सर्वसम्मति से कार्य कारिणी समिति की गठन हुई और टोल विद्यालय के रूप में स्थापना की गई ।
टोल विद्यालय के स्थापना में मुख्य भूमिका श्री बाल कृष्ण झा पूर्व विधायक अररिया, श्री उद्दिनाथ पूर्व प्रमुख सिकटी ‘श्री परमानन्द चौधरी पूर्व मुखिया’ श्री सदानन्द झा ‘बाबाजी’ श्री देवधर झा ‘उपमुखिया’ एवं अन्य गणमान्य ग्रामिणों का सहयोग रहा ।
इस महाविद्यालय के स्थापना काल पं० श्री रूद्रानन्द मिश्र एवं पं० श्री कृष्णदेव मिश्र ‘व्याकरणाचार्य’ शिक्षक के रूप में 52 छात्रों का नामांकन लेकर पठन-पाठन प्रारम्भ किए थें। इस विद्यालय का प्रथम निरिक्षण 03.06.1973 को प्रखण्ड विद्यालय उपनिरिक्षक एवं प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने किया । 10.02.1978 को बिहार विधान सभा सदस्य श्री श्रीदेव झा द्वारा निरीक्षण हुआ । दिनांक 23.03.1978 को श्री चन्द्र शेखर झा सदस्य ‘शिक्षा सचिव’ भी निरीक्षण किये और विद्यालय के लिए सभी पदाधिकारी मंगलकामना की। दिनांक – 25.04.1978 को सहायक शिक्षा निदेशक संस्कृत शिक्षा बिहार पटना के द्वारा निरीक्षण किये गये ।
Geographic location

यह महाविद्यालय अररिया जिला के सुदुर देहात के 20 किलोमीटर उत्तर में अररिया से उत्तर पूर्वी क्षेत्र में नेपाल सीमा तक जाने वाली पक्की सड़क के मध्य में तारावाड़ी थाना चौक से 3 कि० मी० पूरब जमुआ पंचायत के वार्ड न०- 7 में जमुआ खमगड़ा के लक्ष्मी मंदिर के सटे पूरब में ताराबाड़ी से सिकटी पथ को जोड़नेवाली पक्की सड़क से सटे पूरब में अवस्थित है । इस महाविद्यालय के उत्तर एवं पूरब में बाबा भोलेनाथ का मंदिर है , बाबा मंदिर से 100 मी० उत्तर में श्री 108 माँ मनोकामना दुर्गा मंदिर एवं 50 मी० पूरब में राधा कृष्ण मंदिर एवं 50 मीटर पूरब में सार्वजनिक माँ दुर्गा मंदिर है और भी इर्द गिर्द कृष्ण मंदिर ग्राम देवता मंदिर एवं हनुमान मंदिर है । यह महाविद्यालय बाबू स्व० बालकृष्ण झा जी (बिहार विधान सभा पूर्व सदस्य) के दानस्वरूप दी गई भूमि पर अवस्थित है । यह महाविद्यालय किशनगंज जिला और अररिया जिला का एक मात्र संस्कृत महाविद्यालय है । जो संस्कृत पढने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय से जोड़ने का एक शैक्षणिक प्रतिष्ठान सा है ।